हुक्मरानी वो गिरह (गांठ) है जिस पर इस्लाम की बुनियाद

हुक्मरानी वो गिरह (गांठ) है जिस पर इस्लाम की बुनियाद

हदीस नं. 31: لَتُنْتَقَضُ عُرَى الإِسْلاَمِ عُرْوَةٌ عُرْوَةٌ فَكُلَّمَا انْتَقَضَتْ عُرْوَةٌ تَشَبَّثَتْ بِالَّتِي تَلِيهَا وَأَوَّلُ...
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दूसरो की मिल्कियत के इस्तेमाल की हुरमत

दूसरो की मिल्कियत के इस्तेमाल की हुरमत

हदीस नं. 28: إِنَّ رِجَالاً يَتَخَوَّضُونَ فِي مَالِ اللهِ بِغَيْرِ حَقٍّ فَلَهُمُ النَّارُ يَوْمَ الْقِيَامَةِ. ‘ जो लोग अल्लाह की ...
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तैल, पानी और चारागाहे सारी उम्मत की मिलिक्यत है:

तैल, पानी और चारागाहे सारी उम्मत की मिलिक्यत है:

हदीस नं. 26: الْمُسْلِمُونَ شُرَكَاءُ فِي ثَلاَثٍ : فِي الْمَاءِ ، وَالْكَلإِ ، وَالنَّارِ मुसलमान तीन चीज़ें - पानी , चारागाहे और आग...
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कोई भी मुजरिम उस वक्त तक मासूम है, जब तक कि वह मुजरिम न ठहरे

कोई भी मुजरिम उस वक्त तक मासूम है, जब तक कि वह मुजरिम न ठहरे

हदीस नं. 22: الْبَيِّنَةِ عَلَى الْمُدَّعِي وَالْيَمِينِ عَلَى الْمُدَّعَى عَلَيْهِ सबूत मुहैया करने की ज़िम्मेदारी दावेदार को है औ...
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क़ानून की हुक्मरानी बराबरी और मसावात (समानता) की बुनयाद पर होगी

क़ानून की हुक्मरानी बराबरी और मसावात (समानता) की बुनयाद पर होगी

हदीस 21: أَنَّ قُرَيْشًا أَهَمَّهُمْ شَأْنُ الْمَرْأَةِ الْمَخْزُومِيَّةِ الَّتِي سَرَقَتْ فَقَالَ ، وَمَنْ يُكَلِّمُ فِيهَا رَسُولَ ا...
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हदूद का निफाज़ हर हाल के किया जाये चाहे कोई इस पर मलामत करे

हदूद का निफाज़ हर हाल के किया जाये चाहे कोई इस पर मलामत करे

हदीस 20: أقيموا حدود الله في القريب و البعيد ولا تأخذكم في الله لومة لائم अल्लाह की हुदूद को, करीब और दूर तक, क़ायम करो, और मलामत करन...
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जो हुक्मरान इंसाफ के साथ हुक्मरानी नहीं करता वोह क़यामत के दिन ज़ंज़ीरो मे होगा

जो हुक्मरान इंसाफ के साथ हुक्मरानी नहीं करता वोह क़यामत के दिन ज़ंज़ीरो मे होगा

हदीस 19: أَلاَ أَيُّهَا النَّاسُ لاَ يَقْبَلُ اللَّهُ صَلاَةَ إِمَامٍ حَكَمَ بِغَيْرِ مَا أَنْزَلَ اللَّهُ जिस किसी ने भी 10 या इससे...
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औरत को हुक्मरान बनाने की हुरमत

औरत को हुक्मरान बनाने की हुरमत

हदीस 18: لَنْ يُفْلِحَ قَوْمٌ وَلَّوْا أَمْرَهُمُ امْرَأَةً. क़ौम जो अपने उपर औरत को हुक्मरान बनाती है वोह कभी कामयाब नहीं हो सकती. ...
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भाई-भतीजावाद की हुरमत

भाई-भतीजावाद की हुरमत

हदीस 16: مَنْ وَلِيَ مِنْ أَمْرِ الْمُسْلِمِينَ شَيْئًا فَأَمَّرَ عَلَيْهِمْ أَحَدًا مُحَابَاةً فَعَلَيْهِ لَعْنَةُ اللهِ لاَ يَقْبَلُ...
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क़यादत (नेतृत्व) पॉलिसी की बुनियाद पर बननी चाहिये न की नस्ल की बुनियाद पर

क़यादत (नेतृत्व) पॉलिसी की बुनियाद पर बननी चाहिये न की नस्ल की बुनियाद पर

  हदीस 15: وَلَوِ اسْتُعْمِلَ عَلَيْكُمْ عَبْدٌ حَبَشِيٌّ يَقُودُكُمْ بِكِتَابِ اللهِ ، فَاسْمَعُوا لَهُ وَأَطِيعُوا और अगर एक काला हब...
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ज़िम्मेदारी का भारी वज़न

ज़िम्मेदारी का भारी वज़न

हदीस 13: إِنَّكُمْ سَتَحْرِصُونَ عَلَى الإِمَارَةِ وَسَتَكُونُ نَدَامَةً يَوْمَ الْقِيَامَةِ فَنِعْمَ الْمُرْضِعَةُ وَبِئْسَتِ الْفَاط...
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हुक्मरानी के दर्जे को पाने की आरज़ू न करना

हुक्मरानी के दर्जे को पाने की आरज़ू न करना

हदीस 12: عَنْ أَبِى مُوسَى قَالَ دَخَلْتُ عَلَى النَّبِىِّ -صلى الله عليه وسلم- أَنَا وَرَجُلاَنِ مِنْ بَنِى عَمِّى فَقَالَ أَحَدُ الر...
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इमाम अपनी रिआया के लिये ज़िम्मेदार है

इमाम अपनी रिआया के लिये ज़िम्मेदार है

हदीस 11: « أَلاَ كُلُّكُمْ رَاعٍ وَكُلُّكُمْ مَسْئُولٌ عَنْ رَعِيَّتِهِ فَالأَمِيرُ الَّذِى عَلَى النَّاسِ رَاعٍ وَهُوَ مَسْئُولٌ عَنْ...
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किसी क़ानून/हुक्म की बुनियाद इस्लाम है, तकनीक नहीं (हुक्म और अस्लूब मे फर्क़ होता है)

किसी क़ानून/हुक्म की बुनियाद इस्लाम है, तकनीक नहीं (हुक्म और अस्लूब मे फर्क़ होता है)

हदीस 9 : عَنْ مُوسَى بْنِ طَلْحَةَ عَنْ أَبِيهِ قَالَ مَرَرْتُ مَعَ رَسُولِ اللَّهِ -صلى الله عليه وسلم- بِقَوْمٍ عَلَى رُءُوسِ النَّخ...
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इस्लामी सियासत

इस्लामी सियासत
इस्लामी एक मब्दा (ideology) है जिस से एक निज़ाम फूटता है. सियासत इस्लाम का नागुज़ीर हिस्सा है.

मदनी रियासत और सीरते पाक

मदनी रियासत और सीरते पाक
अल्लाह के रसूल (صلى الله عليه وسلم) की मदीने की जानिब हिजरत का मक़सद पहली इस्लामी रियासत का क़याम था जिसके तहत इस्लाम का जामे और हमागीर निफाज़ मुमकिन हो सका.

इस्लामी जीवन व्यवस्था की कामयाबी का इतिहास

इस्लामी जीवन व्यवस्था की कामयाबी का इतिहास
इस्लाम एक मुकम्म जीवन व्यवस्था है जो ज़िंदगी के सम्पूर्ण क्षेत्र को अपने अंदर समाये हुए है. इस्लामी रियासत का 1350 साल का इतिहास इस बात का साक्षी है. इस्लामी रियासत की गैर-मौजूदगी मे भी मुसलमान अपना सब कुछ क़ुर्बान करके भी इस्लामी तहज़ीब के मामले मे समझौता नही करना चाहते. यह इस्लामी जीवन व्यवस्था की कामयाबी की खुली हुई निशानी है.