
खिलाफत का अर्थ किसी
का विरोध करना नही होता बल्कि उर्दू मे उसको मुखालफ कहते हैं. खिलाफत एक इस्लामी शब्दावली है जिसका
अर्थ है इस्लामी निज़ामे हुक्मरानी (Islamic System of Governance) या दारुल इस्लाम जिसकी बुनियाद हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) ने
सन 13 हिजरी से मदीना मे रखी और
जो 1924 तक बाकी था जिसका आखरी मर्कज़
तुर्की था. बर्रेसग़ीर ए हिन्द (Indian Subcontinent) भी खिलाफत का 1000 वर्षो तक हिस्सा रहा है.
मुस्लिम उम्मत के
सभी मक्तबाऐ फिक्र [सुन्नी (सूफी बरेलवी और सूफी देवबंदी और वहाबी सलफी) और शिया (सूफी और
गैर-सूफी)] खिलाफत के अस्तित्व को मुस्लिम दुनिया मे अनिवार्य समझते है और इसमे
किसी किस्म का कोई इख्तिलाफ (मतभेद) नही है.
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