सवाल: खिलाफत मे औरतों का मक़ाम क्या है?
जवाब: खिलाफत आर्थिक तौर पर मज़बूत, टेक्नोलोजी मे आधुनिक और नैतिक तौर पर बुलन्द राज्य होता है और इस राज्य के निर्माण मे महिलाओं का महत्वपूर्ण किरदार होता है. खिलाफत के लिये यह लाज़िम है वोह पुरूष और महिलाओं, सब को एक तरह से प्राईमरी, सेकंडरी और ऐडवांस लेवल की शिक्षा मुफ्त मे उपलब्ध करवाये।
यह अमल महिलाओं को इस क़ाबिल बनाऐगा की वोह मेडिसिन, इंजीनियरिंग, साईंस, आर्किटेक्चर और दूसरे विषयों मे आगे बड सकें. इस्लाम महिलाओं को इस बात की इजाज़त देता है की वोह व्यापार करें, इंवेस्टमेंट करें, निज़ी जायदादे खरीदें ताकी वोह आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बन सकें. पस महिला राज्य मे कोई प्रशासनिक पोज़िशन, अदालत की जज या व्यापारिक मामलात सम्भाल सकती है. इसके अलावा महिलाओं के लिये यह लाज़िम है की वोह अपनी पारिवरिक ज़िम्मेदारी भी पूरी करें, चाहे वोह माँ की हैसियत से हो या बिवी की हैसियत से ताकि एक शांतिपूर्वक घरेलू ज़िन्दगी गुज़ार सके. अपनी बुनियादी ज़िम्मेदारी मे बच्चों और धरवालों की जानिब ज़िम्मेदारी पूरी करना शामिल है जिसे वोह अच्छी तरह से निभाऐं. इसी तरह से महिलाऐ राजनैतिक तौर से अपना किरदार निभा सकती है और मजलिसे आम्मा (आम सभा) की सदस्य भी बन सकती है.
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