Blog Disclaimer



Disclaimer:  यह ब्लोग आई.एस.आई.एस (I.S.I.S.) या दूसरे किसी भी ऐसे गिरोह जो इस्लामी दावत (प्रचार) के लिये हिंसात्मक प्रणाली (militant method) को अपनाते है, उनका ना ही समर्थन करता ना ही इस्लामी शरीअत के मुताबिक ऐसी प्रणाली को उचित मानता है.

खिलाफत का अर्थ किसी का विरोध करना नही होता बल्कि उर्दू मे उसको मुखालफ कहते हैं. खिलाफत एक इस्लामी शब्दावली है जिसका अर्थ है इस्लामी निज़ामे हुक्मरानी (Islamic System of Governance) या दारुल इस्लाम जिसकी बुनियाद हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) ने सन 13 हिजरी से मदीना मे रखी और जो 1924 तक बाकी था जिसका आखरी मर्कज़ तुर्की था. बर्रेसग़ीर ए हिन्द (Indian Subcontinent) भी खिलाफत का 1000 वर्षो तक हिस्सा रहा है.

मुस्लिम उम्मत के सभी मक्तबाऐ फिक्र [सुन्नी (सूफी बरेलवी और सूफी देवबंदी और वहाबी सलफी) और शिया (सूफी और गैर-सूफी)] खिलाफत के अस्तित्व को मुस्लिम दुनिया मे अनिवार्य समझते है और इसमे किसी किस्म का कोई इख्तिलाफ (मतभेद) नही है.
Share on Google Plus

About Khilafat.Hindi

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments :

इस्लामी सियासत

इस्लामी सियासत
इस्लामी एक मब्दा (ideology) है जिस से एक निज़ाम फूटता है. सियासत इस्लाम का नागुज़ीर हिस्सा है.

मदनी रियासत और सीरते पाक

मदनी रियासत और सीरते पाक
अल्लाह के रसूल (صلى الله عليه وسلم) की मदीने की जानिब हिजरत का मक़सद पहली इस्लामी रियासत का क़याम था जिसके तहत इस्लाम का जामे और हमागीर निफाज़ मुमकिन हो सका.

इस्लामी जीवन व्यवस्था की कामयाबी का इतिहास

इस्लामी जीवन व्यवस्था की कामयाबी का इतिहास
इस्लाम एक मुकम्म जीवन व्यवस्था है जो ज़िंदगी के सम्पूर्ण क्षेत्र को अपने अंदर समाये हुए है. इस्लामी रियासत का 1350 साल का इतिहास इस बात का साक्षी है. इस्लामी रियासत की गैर-मौजूदगी मे भी मुसलमान अपना सब कुछ क़ुर्बान करके भी इस्लामी तहज़ीब के मामले मे समझौता नही करना चाहते. यह इस्लामी जीवन व्यवस्था की कामयाबी की खुली हुई निशानी है.