अगर कल खिलाफत क़ायम हो जाये (भाग-1)

अगर कल खिलाफत क़ायम हो जाये


हम किस तरह मौजूदा हुकूमती निज़ाम और इदारों को इस्लामी निज़ाम में तबदील कर सकते है?
खिलाफत का ऐलान करने का मतलब रियासत की मुकम्मल तबदीली और करप्शन का खात्मा. खिलाफत का ढांचा मसलस की तर्ज़ का है जिस में सब से उपर खलीफा है और तमाम महकमे, इंतज़ामिया और मजालिस उस के मातहत काम करते है. यह ढांचा क़ुरआन और सुन्नत से अख्ज़ किया गया है. आजकल हम अक्सर तरक्क़ी याफ़्ता ममालिक में उन सहूलियात के बारे में पढ़ते है और सुनते है जो वहां के शहरियों को मयस्सर है. उन सहूलियात में पानी, बिजली सड़कें, मवासलात (यातायात) का निज़ाम, साफ खाना, नक़ल व हमल और सेहत शामिल है.
इस्लाम में शहरी कि हिफाज़त और उसको बुनियादी तिब्बी (मेडिकल) सहूलियात और तालीम मुहय्या करना रियासत (राज्य) की ज़िम्मेदारी है. खिलाफत उस से कहीं ज़्यादा सहूलियात अपने शहरियों को मुहय्या करेगी जिस का मौजूदा तरक्क़ी याफ़्ता ममालिक दावा करती है. वह हर शहरी की इज़्ज़त करेगी. रियासत का काम हर शहरी की ज़रूरत को पूरा करना है. यह सब उस क़ानून और तरीक़ेकार का हिस्सा है जो वह्यी (revelation) के ज़रिए हम तक पहुंचा है. खिलाफत का क़याम होते ही रियासत के खाक़े और महकमात में जो तब्दीलियां नागुज़ीर है उन्हें नीचे बयान किया जा रहा है:
1. रियासत का खाक़ा (Structure of the Khilafah State)
2. महकमाऐ खारिजा (Department of Foreign affairs)
3. महकमा बराऐ जंगी उमूर (Department for War and Peace)
4. महकमा बराऐ दाखिली उमूर (Department of External Affairs)
5. महकमाऐ सनअत (Department of Industries)
6. महकमाऐ ज़राअत (Department of Agriculture)
7. महकमाऐ बराऐ अदालती उमूर (Department of Judicial Affairs)8. महकमाऐ इत्तिलाआत (Media Department)
9. महकमाऐ सेहत (Department of Health Affairs)
10. महकमाऐ बराऐ मक़ामी हुकूमत (Department of Local Administration)
11. महकमाऐ बराऐ कस्टम और बैनलअक़वामी तिजारत (Department for Custom and International Trade)
12. महकमाऐ बराऐ ट्रांसपोर्ट और मवासलात (Department for Transport and Communication)
13. महकमाऐ बराऐ तवानाई (Department for Energy
)
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