पाकिस्‍तान में तख्ता पलट की साजिश

नोट: पूंजीवादी मीडिया का इस्लाम और इस्लामी आन्दोलनो की गतिवीधियों को पेश करने का अपना एक खास तरीका है. एक जीवन व्यवस्था की हैसियत से इस्लाम का आज पूंजीवाद के साथ सीधा मुकाबला है. एक इंसानी विचारधारा होनी की हैसियत से पूंजीवाद का अंत हो जाना उस का मुक़द्दर है. जब पूंजीवाद का मुक़ाबला साम्यवाद (कम्यूनिज़म) से था तो उसका हर कार्यकर्ता और समर्थन करने वाला आतंकवादी कहलाता था. उम्मीद है की हमारे पाठक इन खबरों को इसी सन्दर्भ मे देखेंगे.
पाकिस्‍तान में तख्ता पलट की साजिश
रविवार, जुलाई 5, 2009,16:00[IST]

लंदन। ब्रिटेन स्थित एक इस्लामिक आतंकवादी संगठन ने पाकिस्तान में रक्तरहित विद्रोह के जरिए तख्ता पलट करने और वहां खलीफा राज स्थापित करने की योजना बनाई है। समाचार पत्र 'द संडे टाइम्स' ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है। खबर है कि कट्टरपंथी संगठन हिज्ब उत-तहरीर के सदस्यों ने इस्लामाबाद में रक्तरहित तख्ता पलट कर एक ऐसे खलीफाराज स्थापित करने की योजना बनाई है जिसमें कड़े इस्लामी कानून लागू किए जा सकें।गुप-चुप तरह से चल रहा है संगठन

माना जाता है कि इस संगठन का गठन 1990 के दशक में इम्तियाज अली ने किया था। अली ब्रिटेन में जन्मा एक पाकिस्तानी है और संभावना है कि अभी भी वह गुप्त तरीके से संगठन का संचालन कर रहा है। पाकिस्तान में प्रतिबंधित और ब्रिटेन में अपने आप को लिबरेशन आर्मी कहने वाले इस संगठन के सदस्यों ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनकी योजना पाकिस्तान को आधार बनाकर पूरी दुनिया में इस्लामी शासन फैलाने की है।

पाकिस्तान में इस संगठन के एक वरिष्ठ सदस्य माजिद नवाज ने कहा, "पाकिस्तान के पास जब तक परमाणु बम नहीं था तब तक उसकी उपेक्षा होती रही और उसके बाद वैश्विक नेताओं को अहसास हुआ कि यह खिलाफत के लिए एक बेहतर रणनीतिक आधार बन सकता है।"इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।



पाक सरकार को उखाड़ने की साजिश!

Jul 05, 12:25 pm
लंदन। ब्रिटेन स्थित एक कट्टरपंथी समूह ने रक्तरहित विद्रोह के जरिए पाक सरकार को उखाड़ फेंकने तथा पाकिस्तान में खलीफा राज स्थापित करने की साजिश तैयार की है, जिसमें इस्लामी कानून सख्ती से लागू किया जाएगा।
अखबार 'संडे टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में प्रतिबंधित 'हिज्ब उत तहरीर' के सदस्यों का मकसद रक्तरहित सैन्य विद्रोह के जरिए पाक सरकार को उखाड़ फेंकने तथा इस्लामाबाद में खलीफा राज की स्थापना करने का है।
अपने आपको 'लिबरेशन पार्टी इन ब्रिटेन' कहने वाले इस समूह के सदस्यों का दावा है कि उन्होंने दुनियाभर में इस्लाम के प्रसार के लिए आधार स्थल के रूप में ब्रिटेन को चुना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 'ब्रिटिश हिज्ब उत तहरीर' के दर्जनों कार्यकर्ता इस समय लाहौर और कराची में मौजूद हैं जो अक्सर ब्रिटेन तथा पाकिस्तान के बीच यात्रा करते रहते हैं। इस समूह के ऐसे ही अन्य बहुत से लोग हैं जो पाकिस्तान में इस्लामी राज कायम करने की योजना पर काम कर रहे हैं। स्टोक आन ट्रेंट के अंग्रेजी शिक्षक तैयब मुकीम ने अखबार को बताया कि वह पाकिस्तानियों को इस अभियान से जोड़ने के लिए लाहौर की यात्रा कर चुका है। लाहौर के सुपीरियर कॉलेज में हिज्ब उत तहरीर छात्र समूह की स्थापना करने वाले मुकीम ने कहा कि संगठन का उद्देश्य मुस्लिम तथा पश्चिमी देशों में शरीयत के तहत इस्लामी शासन की स्थापना करना है और यदि जरूरत पड़ी तो इसके लिए 'बल प्रयोग' भी किया जाएगा। उसने कहा कि इस्लामी कानून का प्रसार 'सैद्धांतिक' तौर पर तथा 'बल प्रयोग' से किया जाएगा। यदि गैर मुस्लिम देश इसे मानने से इंकार करते हैं और युद्ध छिड़ता है तो वह खलीफा साम्राज्य की विदेश नीति का हिस्सा होगा।
मुकीम ने कहा कि पाकिस्तान में हिज्ब उत तहरीर की नीतियों में से एक नीति सेना के अधिकारियों को अपनी विचारधारा से प्रभावित करने की भी है। कराची में समूह के प्रवक्ता शहजाद शेख ने पाक सेना द्वारा सरकार के खिलाफ रक्तरहित विद्रोह की बात कही। उसने पाक सरकार को तालिबान से अधिक बुरा बताया। उसने कहा कि पाकिस्तान में सेना सबसे प्रभावशाली है और हम उससे कह रहे हैं वह हिज्ब उत तहरीर में अपनी निष्ठा व्यक्त करे। शेख ने कहा कि मैं विस्तारपूर्वक आपको नहीं बता सकता कि हम किस तरह सेना को प्रभावित करने की कोशिश करे रहे हैं। हम परिवर्तन लाने की अपनी नीति का कभी खुलासा नहीं करते। आप कह सकते हैं कि यह एक विद्रोह है। वर्ष 2003 में चरमपंथी समूहों से संबंध रखने के आरोप में पाक सेना के चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि समूहों तथा गिरफ्तार अधिकारियों के नामों का खुलासा नहीं किया गया।
अखबार के अनुसार हिज्ब उत तहरीर के एक सदस्य ने दावा किया कि उनकी भर्ती संगठन की पाकिस्तान इकाई द्वारा ब्रिटेन के सैंढु‌र्स्ट में प्रशिक्षण के दौरान की गई थी। ऐसा माना जाता है कि इस समूह की स्थापना ब्रिटेन में जन्मे पाकिस्तानी इम्तियाज मलिक द्वारा 1990 के दशक के शुरू में पाकिस्तान में की गई थी। हो सकता है कि वह अब भी भूमिगत रहकर संगठन के नेता के रूप में काम कर रहा हो।
पाकिस्तान में संगठन के अग्रणी सदस्यों में से एक माजिद नवाज ने कहा कि जब पाकिस्तान के पास परमाणु बम आ गया तो संगठन के वैश्विक नेता को लगा कि खलीफा साम्राज्य की स्थापना के लिए यह एक बेहतर सामरिक केंद्र होगा। अखबार के अनुसार खलीफा सामा्रज्य के तहत प्रत्एक महिला को सिर से पांव तक अपना शरीर ढक कर रखना होगा तथा व्यभिचार के लिए सजा ए मौत दी जाएगी और चोरों के हाथ काट दिए जाएंगे। नवाज ने दावा किया कि कम से कम 10 ब्रिटिश कार्यकर्ताओं को पाकिस्तान के मुख्य शहरों में तैनात किया गया है।
रिपोर्ट में लाहौर निवासी पूर्व प्रोफेसर हसन असकरी रिजवी जो अब सरुक्षा विश्लेषक है के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान में इस संगठन को पाकिस्तानी ब्रितानी लेकर आए। रिजवी ने कहा कि लोग इन युवाओं और पढ़े लिख नौजवानों से बेहद प्रभावित हैं जो इस्लाम के प्रति इतने प्रतिबद्ध हैं कि वे ब्रिटेन छोड़कर पाकिस्तान आ गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्रों के बीच समूह के भर्ती अभियान को खूब समर्थन मिल रहा है जिसका उदाहरण लाहौर के बड़े विश्वविद्यालयों तथा निजी कॉलेजों में देखा जा सकता है।
http://in.jagran.yahoo.com/news/international/terrorism/3_25_5598885/



पाकिस्तान में तख्तापलट की साजिश: रिपोर्ट
5 Jul 2009, 2106 hrs IST,नवभारत टाइम्स
लंदन।। ब्रिटेन में एक कट्टरपंथी समूह ने सैन्य विद्रोह के जरिए पाक सरकार को उखाड़ फेंकने तथा पाकिस्तान में खलीफा का शासन स्थापित करने
की साजिश तैयार की है जिसमें इस्लामी कानून सख्ती से लागू किया जाएगा। मीडिया की रिपोर्टों में इसकी जानकारी दी गई है।
'द संडे टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में प्रतिबंधित हिज्ब उत तहरीर के सदस्यों का मकसद सैन्य विद्रोह के जरिए पाक सरकार को उखाड़ फेंकने तथा इस्लामाबाद में खलीफा राज की स्थापना करने का है। अपने आपको 'द लिबरेशन पार्टी इन ब्रिटेन' कहने वाले इस समूह के सदस्यों का दावा है कि उन्होंने दुनियाभर में इस्लाम के प्रसार के लिए बेस के रूप में ब्रिटेन को चुना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिज्ब उत तहरीर के दर्जनों कार्यकर्ता इस समय लाहौर और कराची में मौजूद हैं जो अक्सर ब्रिटेन तथा पाकिस्तान के बीच यात्रा करते रहते हैं। इस समूह के ऐसे ही अन्य बहुत से लोग हैं जो पाकिस्तान में इस्लामी राज कायम करने की योजना पर काम कर रहे हैं। स्टोक ऑन ट्रेंट में रहने वाले इंग्लिश के टीचर तैयब मुकीम ने अखबार को बताया कि वह पाकिस्तानियों को इस अभियान से जोड़ने के लिए लाहौर की यात्रा कर चुका है। लाहौर के सुपीरियर कॉलिज में हिज्ब उत तहरीर छात्र समूह की स्थापना करने वाले मुकीम ने कहा कि संगठन का उद्देश्य मुस्लिम तथा पश्चिमी देशों में शरीयत के तहत इस्लामी शासन की स्थापना करना है और यदि जरूरत पड़ी तो इसके लिए बल प्रयोग भी किया जाएगा।
उसने कहा कि इस्लामी कानून का प्रसार निर्देश के तौर पर तथा सैन्य प्रयोग से किया जाएगा। यदि गैर मुस्लिम देश इसे मानने से इनकार करते हैं और युद्ध छिड़ता है तो वह खलीफा साम्राज्य की विदेश नीति का हिस्सा होगा।
मुकीम ने कहा कि पाकिस्तान में हिज्ब उत तहरीर की नीतियों में से एक नीति सेना के अधिकारियों को अपनी विचारधारा से प्रभावित करने की भी है। कराची में समूह के प्रवक्ता शहजाद शेख ने पाक सेना द्वारा सरकार के खिलाफ रक्तरहित विद्रोह की बात कही। उसने पाक सरकार को तालिबान से अधिक बुरा बताया। उसने कहा कि पाकिस्तान में सेना सबसे प्रभावशाली है और हम उससे कह रहे हैं कि वह हिज्ब उत तहरीर में अपनी निष्ठा व्यक्त करे। शेख ने कहा कि हम विस्तारपूर्वक आपको नहीं बता सकते कि हम किस तरह सेना को प्रभावित करने की कोशिश करे रहे हैं, हम परिवर्तन लाने की अपनी नीति का कभी खुलासा नहीं करते। आप कह सकते हैं कि यह एक विद्रोह है। 2003 में कट्टरपंथी समूहों से संबंध रखने के आरोप में पाक सेना के 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि समूहों तथा गिरफ्तार अधिकारियों के नामों का खुलासा नहीं किया गया। अखबार के अनुसार, हिज्ब उत तहरीर के एक सदस्य ने दावा किया कि उनकी भर्ती संगठन की पाकिस्तान इकाई ने की थी और ट्रेनिंग ब्रिटेन के सैंढुर्स्ट में दी गई थी। ऐसा माना जाता है कि स समूह की स्थापना ब्रिटेन में जन्मे पाकिस्तानी इम्तियाज मलिक द्वारा 1990 के दशक के शुरू में पाकिस्तान में की गई थी। हो सकता है कि वह अब भी भूमिगत रहकर संगठन के नेता के रूप में काम कर रहा हो।
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/4740972.cms?prtpage=1
पाकिस्‍तान_में_खलीफा_राज_स्‍थापित_करने_की_साजिश!_N6963.html">http://www.merikhabar.com/पाकिस्‍तान_में_खलीफा_राज_स्‍थापित_करने_की_साजिश!_N6963.html

http://www.patrika.com/news.aspx?id=199562

http://breakingkhabar.com/internationalnewsdetail.php?sno=298


पाक में तख्तापलट की साजिश

लंदन । ब्रिटेन का एक कट्टरपंथी संगठन पाकिस्तान सरकार का तख्तापलट कर वहां इस्लामी कानून लागू करने की साजिश में जुटा है। पाकिस्तान में प्रतिबंधित हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्य इसके पीछे हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक वह फौजी बगावत के जरिए पाक सरकार का तख्तापलट कर वहां खलीफा राज स्थापित करना चाहते हैं। अपने आपको पार्टी इन ब्रिटेन कहने वाले इस समूह के सदस्यों का दावा है कि उन्होंने दुनियाभर में इस्लाम के प्रसार के लिए आधार स्थल के रूप में ब्रिटेन को चुना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हिज्ब-उत-तहरीर के दर्जनों कार्यकर्ता इस समय लाहौर और कराची में मौजूद हैं। वे अक्सर ब्रिटेन तथा पाकिस्तान के बीच यात्रा करते रहते हैं। इस समूह के ऎसे ही अन्य बहुत से लोग हैं जो पाकिस्तान में इस्लामी राज कायम करने की योजना पर काम कर रहे हैं। स्ट्रोक ऑन ट्रेंट के अंग्रेजी शिक्षक तैयब मुकीम ने बताया कि वह पाकिस्तानियों को इस अभियान से जोड़ने के लिए लाहौर की यात्रा कर चुका है।
लाहौर के सुपीरियर कॉलिज में हिज्ब-उत-तहरीर का "छात्र समूह" की स्थापना करने वाले मुकीम ने कहा कि संगठन का मकसद मुस्लिम तथा पश्चिमी देशों में शरीयत के तहत इस्लामी शासन की स्थापना करना है। कराची में समूह के प्रवक्ता शहजाद शेख ने पाक सेना द्वारा सरकार के खिलाफ बगावत की बात कही।

http://www.totaltv.in/index.php?option=news&page=news_detail&news_id=1288&catId=138








रची जा रही है खलीफा राज की साजिश
क्या पाकिस्तान की मौजूदा कमजोर लोकतांत्रिक सरकार के तख्तापलट की साजिश रची जा रही है। ब्रिटेन के एक अखबार द संडे टाइम्स की रिपोर्ट से तो यही संकेत मिल रहा है। द संडे टाइम्स के मुताबिक पाकिस्तान में प्रतिबंधित हिज्ब उत तहरीर के सदस्य सैन्य विद्रोह के जरिए पाक सरकार को उखाड़ फेंकने तथा इस्लामाबाद में खलीफा राज की स्थापना का सपना देख रहे हैं। स्वयं को द लिबरेशन पार्टी इन ब्रिटेन कहने वाले इस समूह के सदस्यों का दावा है कि उन्होंने दुनियाभर में इस्लाम के प्रसार बेस के रूप में ब्रिटेन को चुना है।रिपोर्ट में कहा गया है कि हिज्ब उत तहरीर के कार्यकर्ता अक्सर ब्रिटेन तथा पाकिस्तान के बीच यात्रा करते रहते हैं। ब्रिटेन में रह रहे एक मुस्लिम शिक्षक के मुताबिक वह पाकिस्तानियों को इस अभियान से जोड़ने के लिए लाहौर की यात्रा कर चुका है। संगठन का उद्देश्य मुस्लिम तथा पश्चिमी देशों में शरीयत के तहत इस्लामी शासन की स्थापना करना है।हिज्ब उत तहरीर की नीतियों में से एक नीति पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को अपनी विचारधारा से प्रभावित करने की भी है। उल्लेखनीय है कि 2003 में कट्टरपंथी समूहों से संबंध रखने के आरोप में पाक सेना के 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि समूहों तथा गिरफ्तार अधिकारियों के नामों का खुलासा नहीं किया गया। हिज्ब उत तहरीर के एक सदस्य ने दावा किया कि उनकी भर्ती संगठन की पाकिस्तान इकाई ने की थी और ट्रेनिंग ब्रिटेन के सैंढुर्स्ट में दी गई थी। माना जाता है कि समूह की स्थापना ब्रिटेन में जन्मे पाकिस्तानी इम्तियाज मलिक ने 1990 के दशक के शुरू में पाकिस्तान में की थी।

http://defencereview.blogspot.com/2009/10/blog-post_23.html
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