लाहौर मे धमाके अमरीका की कारस्तानी है

पी.आर. नम्बर: 10038
जुमा 21 रजब, 1431 हिजरी (2/07/2010)

प्रेस स्टेटमेंट

ब्ल्के वाटर और हुक्मरानों की मिली भगत से लाहौर फिर खून मे नहा गया!

लाहौर मे धमाके करवा कर अमरीका एक नया ओपरेशन शुरू करवाना चाहता है।


हिज़्बुत्तहरीर अली हिजवेरी (रहमतुल्लाहे अलैय) के मजार से मिली हुई मस्जिद मे होने वाले बम धमाकों की शदीद अल्फाज़ मे मज़म्मत करती है जिसमें चालीस से ज़्यादा मुसलमान शहीद और 200 के लग-भग ज़ख्मी हुऐ. अमरीका और इसकी प्राइवेट फौज ब्ल्के वाटर और डाइन कोर्प ने एक बार फिर क़त्ले आम का बाज़ार गर्म कर दिया है. कल ही पंजाब हुकूमत ने अस्करियत पसन्दो के खिलाफ ओपरेशन करने के लिये उच्च स्तरिय बैठक का आयोजन किया था और ओपरेशन शुरू करने के लिये कल के धमाको से ज़्यादा उचित कारण हुकूमत को नही मिल सकता. जनता जान चुके है की मसाजिद, युनिवर्सिटीयों, स्कूलों और बाज़ारों को निशाना बनाना और ब्ल्के वाटर और दिगर अमरीकी दहशत गर्द तन्जीमों के दफ्तरों का सुरक्षित रहना कोई इत्तिफाक़ की बात नही बल्कि यह इस बात का प्रत्यक्ष सुबूत है की अमरीका ही इन कार्यवाहियों के पीछे है. वोह मुसलमानों का कत्लेआम करके फौजी ओपरेशनों के लिये जानता की राय को तय्यार करता है.
स्वात, जुनूबी वज़ीरिस्तान और कज़ई ऐजेन्सी मे ऑपरेशन के नाम पर किये जाने वाले क़त्लेआम के पहले हर बार शहरी इलाको मे बम धमाके करवाये जाते थे और इस के नतीजे मे जनता के गम और गुस्से की लहर को फौजी ओपरेशन के समर्थन के लिये इस्तेमाल किया जाता है. अमरीका और उसक ऐजेंट जान लें की अब जनता इस धोके मे आने वाली नही. यही वजह है की कल धमाकों के बाद जनता ने प्रशासन और उसके ऐजेंटों के खिलाफ कडा प्रदर्शन किया और इस क़त्लेआम का ज़िम्मेदार प्रशासन को ठहराया. इसके अलावा इस धमाके के ज़रिये अमरीका दीनी ज़हन रखने वालों मे फूट डालना चाहता है ताकि मुसलमान मस्लकी इंतशार का शिकार हो कर अमरीका को निकाल बाहर करने के लिय मुत्तहिद न हो सके. यह वही पॉलिसी है जो उसने इराक़ मे भी अपनाई थी.
हिज़्बुत्तहरीर तमाम मकातिबे-फिक्र के ओलमा से अपील करती है के वोह इस अमरीकी मंसूबे को नाकाम बना दे और एक-आवाज़ हो कर अमरीका को खित्ते से निकालने का ऐलान करे. क्योकि यह अमरीका ही है जिस के खित्ते मे आने के बाद पाकिस्तान जहन्नुम का नज़ारा पेश कर रहा है.
हम एहले ताक़त (पुलिस और फौज) मे मौजूद मुख्लिस अनासिर से भी मुतालबा करते है की वोह बन्दूक़ों का रुख अपने ही भाईयों की तरफ करने का अमरीकी हुक्म मुस्तरद कर दे और अपनी तमामतर ताक़त अमरीका को खित्ते से बाहर निकालने के लिये इस्तेमाल करे। सिर्फ इसी सूरत मे पाकिस्तान मे लगी इस फित्ने की आग को बुझाया जा सकता है।


नवेद बट

पाकिस्तान मे हिज़्बुत्तहरीर के प्रवक्ता
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