ख़िलाफत को लाना फरमाने मुस्तफा (صلى الله عليه وسلم) है
नईम क़ैसर भट्टी
बुनियादे इस्लाम ख़िलाफत से है
तशहीरे इस्लाम ख़िलाफत से है
दुनिया मे अमन ख़िलाफत से है
इस्लामी चमन ख़िलाफत से है
जम्हूरियत है क़ुफ्र, बताऐगे सब को
दिल से सब के, हटाऐगे इस को
कुफ्र निज़ाम से है हर सू तबाही
है जम्हूरियत ने ही मुहब्बत मिटाई
जम्हूरियत मिटाऐं, ख़िलाफत को लाऐं
इस्लाम फैलाऐ, दुनिया पर छाऐं
ख़िलाफत को लाओ, यह फर्ज़ अपनाओ
एक रियासत बनाओ, सरहदे मिटाओ
ख़िलाफत को लाना फरमाने मुस्तफा है
गर समझो तो ज़ानो यह हुक्मे खुदा है
जो करे ना यह पूरा, गुनहगार होगें
हो ना जो पूरा तो ख्वार होगें
अपना तो यही एक पैग़ाम ‘भट्टी’
ख़िलाफत को लाना हि काम है ‘भट्टी’।
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