कंधमाल हिंसा का आरोपी बना भाजपा का उम्मीदवार
1 अप्रैल, 2009
आईबीएन-7
कंधमाल: जहरीला भाषण देने वाले वरुण गांधी के साथ खड़ी बीजेपी ने अब कंधमाल में दंगा भड़काने वाले शख्स को भी टिकट दे दिया है। मनोज प्रधान नाम का ये शख्स पिछले साल कंधमाल में ईसाई समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा का मुख्य आरोपी है। हिंसा में 40 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हुए थे। उड़ीसा पुलिस ने हिंसा फैलाने के आरोप में 600 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमें से एक है मनोज प्रधान।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस कट्टर कार्यकर्ता को बीजेपी ने अब उदयगिरी से विधानसभा का उम्मीदवार बनाया है। यानी ऐसी जगह से जहां उस पर सबसे ज्यादा तबाही मचाने का आरोप है। बीजेपी नेता बी बी हरिचंदन कहते हैं कि मनोज प्रधान को टिकट देने से पहले हमने पार्टी के बड़े नेताओं से सहमति ली थी। इस बारे में भी बात हुई थी कि मनोज प्रधान पर किस तरह के आरोप लगे हैं। लेकिन हमें स्थानीय नेताओं ने बताया कि मनोज पर लगे आरोप झूठे हैं। वैसे कोर्ट ने भी मनोज प्रधान को दोषी करार नहीं दिया है। मनोज की किस्मत का फैसला लोगों को करने दीजिए।
15 अक्टूबर को हुई मनोज प्रधान की गिरफ्तारी को उड़ीसा पुलिस ने बड़ी कामयाबी बताया था। बीजेपी तब खुद सरकार में शामिल थी। आरोप है कि मनोज प्रधान ने हिंसा के दौरान रैकिया में भीड़ की कमान संभाली। ये वही जगह है जहां तीन महीने तक सबसे ज्यादा हिंसा हुई। पुलिस ने उस पर हत्या और दंगा फैलाने का मुकदमा दर्ज किया है। और तो और वो पिछले पांच महीने से उदयगिरी जेल में बंद है।
बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व का रुख देखकर मनोज प्रधान भी उत्साहित है। वो खुद को निर्दोष बताने में जुट गया है। कहता है कि मैं बेकसूर हूं। मुझे झूठे मामलों में फंसाया गया है। उड़ीसा में चर्च से जुड़े लोग बीजेपी के इस कदम से बेहद मायूस हैं। उन्हें पार्टी से इस तरह के फैसले की उम्मीद नहीं थी। लेकिन पार्टी हर कीमत पर मनोज प्रधान को बेकसूर साबित करना चाहती है।
11 साल तक उड़ीसा में नवीन पटनायक का साथ देने वाली बीजेपी को अब उनमें खामियां ही खामियां नजर आ रही हैं। बीजेपी का आरोप है कि नवीन पटनायक की सरकार ने साजिश के तहत आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को कंधमाल हिंसा में फंसाया। बीजेपी के मुताबिक गृह मंत्रालय का जिम्मा पटनायक के पास होने की वजह से बीजेपी कार्यकर्ताओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया गया।
अरुण जेटली कहते हैं कि ऐसे सवाल पूछने से पहले आपको दूसरी पार्टियां देखनी चाहिए जिन्होंने दोषी करार दिए गए शख्स को टिकट दे दिया है। नवीन पटनायक की सरकार हमेशा हमारे खिलाफ थी और मनोज प्रधान को झूठे केस में फंसाया गया है।
पिछले विधानसभा चुनावों में मनोज प्रधान ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था जिसमें उसे 15 हजार वोट मिले थे। विजयी उम्मीदवार को 34 हजार वोट मिले थे। लेकिन इस बार मनोज को उम्मीद है वो जेल से ही कंधमाल की पृष्ठभूमि पर और बीजेपी के सहयोग से आसानी से चुनाव जीत जाएगा।
उड़ीसा के मुख्य पादरी फादर जोसफ कलाथिल कहते हैं कि अदालत किसी को भी दोषी करार देने से पहले अपना वक्त लेगी लेकिन एक अपराधी जिसके खिलाफ दंगे और हत्या के पुख्ता सबूत हों उसे टिकट नहीं देना चाहिए था। बीजेपी ऐसा कैसे कर सकती है। हम सभी बेहद दुखी हैं।
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