इदारा बराए शहरियत और पासपोर्ट
(Department of Citizenship and Passport)
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खलीफा इस इदारे का सरबराह मुक़र्रर करेगा और मौजूदा तमाम रजिस्ट्रेशन दफातिर को खत्म करके एक ही महकमा क़ायम किया जायेगा. इंतज़ामी उमूर के तजुर्बेकार आदमी को इस सरबराह के मंसब के लिये तर्जीह दी जायेगी, तमाम ऐजाज़ी मंसब खतम कर दिये जायेंगे और इस इदारे में से करप्शन और रिश्वत को खत्म किया जायेगा. इस इदारे का काम शनाख्ति कार्ड, शहरियत सर्टीफिकेट और पासपोर्ट का इजरा है जो के मुल्क के अन्दर छापे जायेंगे.शहरियत सर्टिफिकेट हमेशा के लिये होगा या पासपोर्ट का इजारा, बेरूने मुल्क जाने के ख्वाहिश मन्द अफराद के लिये होगा. पासपोर्ट के इजरा में सिर्फ इतना वक्त लगेगा जो के मालूमात के इन्दराज (registration) में दरकार है. इस काम को तेज़ करने के लिये तमाम प्राईवेट और सरहदों पर खास मराकिज़ क़ायम किये जायेंगे. शहरियत रखने वाले अफराद को फौरन पासपोर्ट जारी किया जायेगा. यह इदारा मरदम शुमारी (population counting) और इस क़िस्म की दूसरी मालूमात इकट्ठी करने का भी ज़िम्मेदार होगा. ग़ैर-मुस्लिमों के उमूर की देख भाल के लिये यह इदारा एक अलग महकमा क़ायम करेगा.
1 comments :
अच्छा जी। यह तो बताइए कि ग़ैर मुसलमानों के लिए आपको अलग महकमें की ज़रूरत क्यों पड़ेगी? क्या उन्हें अभ भी रिश्वत देनी पड़ेगी?
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