महकमा बराये तवानाई
(Department of Energy)
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खलीफा इस महकमे का सरबराह मुक़र्रर करेगा जिस का काम पूरी रियासत को तवानाई फराहम करना है जिस में कोयला, तेल, बिजली बग़ैराह शामिल है। इस महकमे का काम हर घर, रोड और फेक्ट्रीयों में बिजली और गैस की फराहमी है. बुजली वग़ैराह की तारें ज़ेरे ज़मीन बिछाई जायेंगी.
इन सर्विसेज़ की क़ीमत के लिये खास पालिसी बनाई जायेगी। किसी किस्म की इज़ाफी रक़म अवाम को वापस मुंतक़िल की जायेगी, और बाक़ी कौमी खज़ाने में डाल दी जायेगी. तवानीई, बिजली, पानी, और तालीम की तरह हर शहरी की बुनियादी ज़रूरत है जिस की फराहमी रियासत की ज़िम्मेदारी है. यह इदारा मुख्तलिफ वसाईल (दरयाओं, हवा, भाप, शम्सी तवानाई) से तवानाई हासिल करने की तरफ खास तवज्जह देगा ताकि फेक्ट्रियों को बरवक्त बिजली मयस्सर आ सके.
यह इस्लामी रियासत में मौजूदा मुख्तलिफ महकमों का एक खाक़ा था। बेशक इन इदारों और मौजूदा सरमायादाराना निज़ाम में मुशाबिहत मौजूद है। नुमाया फर्क़ यह है की खिलाफत इस तरह एक शहरी (फर्द) की हिफाज़त करती है जैसे के वोह खुद अपना खयाल नहीं रख सकता जब के सरमायादाराना निज़ाम में रियासत मुआशरे में तमाम ज़रूरियात मुहय्या करने की ज़िम्मेदार है लेकिन ज़रूरी नहीं के हर फर्द की उन तक रसाई मुमकिन बनाये, इसी लिये हमें इस निज़ाम में बहुत से महरूम और ज़रूरत मन्द लोग नज़र आते है।
बाक़ी वज़ारतें और इदारे खत्म कर दिये जायेंगे, मसलन वज़ारत बराऐ सियाहत, वज़ारते खेल, फनून वग़ैराह। यह काम स्कूलों और कालिजों में ज़रूरतों के मुताबिक़ किये जायेंगे। ऐसी वज़ारतें और मुख्तलिफ क्लब बनाने की ज़रूरत नहीं होगी। इस के अलावा खेल व तफरीह इस्तेमार (imperialist) की एक चाल बन चुकी है ताकि लोगों की तवज्जोह सरमायादाराना निज़ाम की गन्दगी से हटाई जा सके और मुसलमानों की तवज्जोह उन के अक़ीदे और सियासी, फौजी मामलात से दूर की जा सके। खेल, जिहाद की ट्रेनिंग के बग़ैर, सिर्फ वक़्त का ज़ाया करना है और नौजवानों के किरदार की खराबी की वजह बनता है, खास तौर पर औरतों के खेल। बहरहाल, अवाम को किसी ऐसे काम या मशग़ले से मना नहीं किया जायेगा जो के मुबाह आमाल में शामिल है।
तमाम मुक़ाबला-ए-हुस्न (beauty competition), मोडलिंग (modeling) हाल, म्यूज़िकल होल, डांस होल और क्लब और तमाम वोह चीज़े जो के शरीअत ने मना की है, खत्म कर दी जायेंगी। हत्ता की वोह मुबाह काम जो बदकिरदरी की तरफ ले जाये, मना होंगे। क़ाज़ी हिस्बा (मोहतसिब) उन मामलात के निगराँ होंगे। उन का काम उसी जगह पर फैसला करना है और पुलिस क़ाज़ी के फैसले के मुताबिक़ मौक़े पर सज़ा देगी.
मुस्लिम नौजवानों को समझना चाहिये की खेल और ट्रेनिंग का एक नेक मक़सद है जो की अल्लाह की राह में जिहाद और मुसलमान ज़मीन की हिफाज़त है. हत्ता की सियासत का मक़सद भी अल्लाह की राह में जिहाद है. एक शख्स अल्लाह के रसूल (स्वल्लल्लाहो अलैहि वस्लल्लम) के पास आया और पूछा, “क्या आप मुझे सैर और तफरीह के लिये जाने की इजाज़त देंगे?” आप (स्वल्लल्लाहो अलैहि वस्लल्लम) ने फरमाया, “मेरी उम्मत के लिये सयाहत अल्लाह की राह में जिहाद है”.
आप (स्वल्लल्लाहो अलैहि वस्लल्लम) ने फरमाया: “अपने बच्चों को निशाना बाज़ी, तैराकी और घुड-सवारी सिखाओ”
मुस्लिम ने उक़बा इब्ने अमीर से रिवायत की है की रसूलुल्लाह (स्वल्लल्लाहो अलैहि वस्लल्लम) ने फरमाया: “वोह हम में से नहीं जो के निशाना बाज़ी सीखे और फिर छोड़ दे”
नोट: उपर उन अमली इक़दामात का खाक़ा बयान किया गया है जिन पर अमल पैरा हो कर हम मौजूदा वज़ारतों, इदारों और महकमों के तबदील कर सकतें है. यहाँ यह सिर्फ बहुत मुख्तसर तौर पर बयान किया गया है. तफ्सील के लिये अरबी में मौजूद दस्तूर की किताब (مقدمة الدستورأو الأسباب الموجبة له ) में पड़े जिस के कुछ हिस्से का अंग्रेज़ी में भी तर्जुमा मौजूद है (Introduction to the constitution and the evidences that make it obligatory) published by Hizb ut-Tahrir 1382 Hijri (1963 CE).
नोट: उपर उन अमली इक़दामात का खाक़ा बयान किया गया है जिन पर अमल पैरा हो कर हम मौजूदा वज़ारतों, इदारों और महकमों के तबदील कर सकतें है. यहाँ यह सिर्फ बहुत मुख्तसर तौर पर बयान किया गया है. तफ्सील के लिये अरबी में मौजूद दस्तूर की किताब (مقدمة الدستورأو الأسباب الموجبة له ) में पड़े जिस के कुछ हिस्से का अंग्रेज़ी में भी तर्जुमा मौजूद है (Introduction to the constitution and the evidences that make it obligatory) published by Hizb ut-Tahrir 1382 Hijri (1963 CE).
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