महकमा बराऐ सनअत
(Department of Industry)
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इस महकमे का काम सनअत से मुताल्लिक़ तमाम उमूर के निगरानी है चाहे वोह भारी सनअत हो (मशीन बनाने वाले इंजन, इलेक्ट्रोनिक्स) हल्की सनअत या असलहे या की सनअत, खलीफा इस महकमे का सरबराह मुंतखिब करेगा, वज़ारत को यहाँ हक़ हासिल नहीं के वह सनअती तरक्क़ी की सिम्त मुतय्यन करें लेकिन यह काम अफराद को सोंपा जायेगा के वह फैसला करें की कौन सी मशीनरी दरआमद करनी चाहिये मसलन बिस्किट बनाने की मशीन और प्लास्टिक बनाने की मशीन, मौजूदा वज़ारत की कई हिस्से खतम कर दिये जायेंगे और माहिरीने सनअत की एक टीम का ऐलान किया जायेगा ताकि रियासत को उस सनअती रक़्क़ी की राह में गामज़न कर सकें की जहाँ की मशीनों की तय्यारी और जंगी सनअत को सब से ज़्यादा तरजीह दी जाये। यह टीम लगन और क़ाबलियत की बुनियाद पर मुंतखिब की जायेगी और रियासत ही सनअत पालिसी बनायेगी न कि अफराद, मगर अफराद और कमेटियों को काम करने की मुकम्मल आज़ादी होगी.
यह बहुत ज़रूरी है की आग़ाज़ ही से मशीनों की तैयारी और सनअती प्लांट के क़याम की तरफ खुसूसी तवज्जह दी जायेगी ताकि जंगी साज़ो सामान ऐटमी प्लांट और ऐसी मशीने बनाने में मदद मिल सके जो के मादीनीयात और किमियाई माद्दे ज़मीन से निकालने में मदद दे. रियासत को खलाई रिसर्च के मुख्तलिफ सेंटर चाहिये क्योकी कोई रियासत उस वक्त तक सूपर पॉवर नहीं बन सकती जब तक उसका एक मुस्तनद खलाई प्रोगराम मौजूद न हो (साइंसी व हिफाज़ती कामों के लिये) रियासत कभी भी रफ्ता रफ्ता तरक़्क़ी के खयाल को क़ुबूल नहीं करेगी. यह एक इस्तेमारी खयाल है जिस का मक़सद सिर्फ और सिर्फ मुल्क को तरक़्क़ी पज़ीर और दूसरों का मोहताज रखना है.इस भारी सनअत पर तवज्जोह दिलाने वाली पॉलिसी को मज़बूत बनाने के लिये हमें यूरोप में आने वाले सनअती इंकलाब को ज़हन में रखना चाहिये अमरीका फ्रांस, बरतानिया और स्पेन की कालोनी हुआ करता था लेकिन जल्दि ही सूरतेहाल तबदील हुई और वोह एक क़ुव्वत बन के दुनिया के सामने उभरा. रूस भी सदी के आग़ाज़ पर ज़ार (Tsar) के क़ब्ज़े में था. जब लेनिन को कहा गया के यूरोप से ट्रेक्टर दरआमद करने चाहिये ताकि मुल्क में ज़रई पैदावार को बढाई जा सके तो उसने कहा, “हम उस वक्त तक ट्रेक्टर इस्तेमाल नहीं करेंगे जब तक हम अपने मुल्क में ट्रेक्टर नहीं बना लें” फिर दुनिया रूस को फल्कियत आबदोज़साज़ी और दूसरे मैदानों में दुनिया से आगे जाते देखा. इन वाक़यात से मुस्तफीद हो कर हम रियासत को सनअती तरक़्क़ी की तरफ से ले कर जा सकते है.
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