ख़िलाफत का संविधान: भाग - 10: इन्तेजामी ढाँचा

इन्तेजामी ढाँचा

(The State Departments)

दफा नम्बर 96: रियासती उमूर को चलाने और लोगों के मफादे आम्मा का तहफ्फुज़ करने के लिये मुख्तलिफ महकमे, शोबे, और इदारे होते हैं जिन की ज़िम्मेदारी रियासत के मसाइल को हल करना और लोगों की जरूरियात पूरी करना है।

दफा नम्बर 97: मफादे आम्मा के महकमे, शोबे और इदारे, निज़ाम में सादगी, ज़िम्मेदारियों को जल्दी निपटाने और अहलियत की पालिसी की बुनियाद पर कायम होंगे।

दफा नम्बर 98: हर उस शहरी को जिस के अन्दर अहलियत हो, ख्वाह वह मर्द हो या औरत, मुस्लमान हो या ग़ैर-मुस्लिम, मफादे आम्मा के किसी शोबे या किसी इदारे का सरबराह मुक्कर्रर किया जा सकता है और वह इस इदारे में मुलाज़िम हो सकता है।

दफा नम्बर 99: हर मस्लेह (महकमे) के लिये एक मुंतज़िमे आला होगा हर शोबे और इदारे का एक सरबराह (director) होगा जो इस शोबे और इदारे के मुआमलात को चलाऐगा, और इस पर बराहेरास्त ज़िम्मेदार होगा। यह डारेक्टर्स अपने काम के मुताल्लिक़ मुंतज़िमे आला को जवाबदह होंगे जो के मुख्तलिफ शोबों, इदारों और इंतेज़ामिया पर ज़िम्मेदार होते है जबके क़वानीन और अमूमी ज़ाब्तो के मुताल्लिक़ वोह डारेक्टर्स वाली और आमिल को जवाबदेह होंगे।

दफा नम्बर 100: मफादे आम्मा के महकमो, शोबों और इदारों के सरबराह सिर्फ किसी इन्तेज़ामी सबब की बिना पर माअज़ूल किये जा सकेगें। अलबत्ता उन्हें एक काम से फारिग करके दूसरे काम पर लगाना जायज़ है। उन्हें किसी काम से रोकना भी जायज़ है। उन का तक़र्रुर, उन की तबदीली, उन्हें काम से रोकना, उन की बाज़पुर्सी करना और उन्हें सुबुकदोश करना उन के इदारे या उन के महकमे के आला इन्तेज़ामी सरबराह (मुन्तजिमे आला) का काम है।

दफा नम्बर 101: सरबराहों के सिवा जो मुलाज़िमीन हैं, उन का तक़र्रुर, उन की तबदीली, उन्हें काम से रोकना, उन की इस्लाह और उन्हें हटाने की ज़िम्मेदारी उन के महकमों, शोबो या इदारों के मुन्तज़िमे आला के सर है।

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