ख़िलाफत का संविधान: भाग - 5: मुआविने तनफीज़

मुआविने तनफीज़

(Execution Assistant)

दफा नं. 49: ख़लीफा अहकामात की तनफीज़ के लिये एक मुआविन मुकर्रर करेगा इसका काम इंतेजामी उमूर से मुताल्लिक़ होता है और इस का काम हुक्मरानी करना नहीं होता। इसके दफ्तर का काम ख़लीफा की जानिब से दाखली और खारजी उमूर से मुताल्लिक़ सादिर होने वाले अहकामात को नाफिज़ करना है और इन से पैग़ामात को खलीफा तक पहुंचाना है। गोया मुआविने तनफीज़ ख़लीफा और दूसरों के दरमियान वासते का काम करता है। वोह ख़लीफा की तरफ से पैगाम लाता है और ख़लीफा की तरफ मुन्दरज़ा ज़ेल उमूर के मुताल्लिक़ पैगाम ले कर जाता है:

(1) रइय्यत (subjects) के साथ ताल्लुक़

(2) बैनुलअक़वामी ताल्लुक़ात

(3) फौज या लश्कर

(4) फ़ौज के अलावा दिगर रियासती शोबों के मुताल्लिक़ पैग़ाम रसानी

दफा नं. 50: मुआविन तनफीज़ मुसलमान होता है क्याकि वोह ख़लीफा के क़रीबी मसाहिबीन में से होता है।

दफा नं. 51: मुआविने तनफीज़ बराहेरास्ता ख़लीफा के साथ होता है जिस तरह के मुआविने तफवीज़ होता है। यह सिर्फ तनफीज़ में मुआविन होता है हुक्मरानी में नहीं।

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