हदीस 15:
(नसाई, इब्ने माजा, तिर्मिज़ी)
तश्रीह: यह हदीस दलील है उन लोगों के लिये जो खिलाफत के लिये
कुरेशी नसब को फर्ज़ करार देते है. इस रिवायत से पता चलता है की यह एक मन्दूब अमल
है.
وَلَوِ اسْتُعْمِلَ عَلَيْكُمْ
عَبْدٌ حَبَشِيٌّ يَقُودُكُمْ بِكِتَابِ اللهِ ، فَاسْمَعُوا لَهُ وَأَطِيعُوا
और अगर एक काला हबशी भी तुम पर मुक़र्रुर कर दिया जाय
और वोह तुम पर अल्लाह की किताब के मुताबिक़ क़यादत करे तो उसकी सुनों और इताअत करो.
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