हदीस 1:
كَانَتْ بَنُو إِسْرَائِيلَ
تَسُوسُهُمُ الأَنْبِيَاءُ كُلَّمَا هَلَكَ نَبِيٌّ خَلَفَهُ نَبِيٌّ وَإِنَّهُ
لاَ نَبِيَّ بَعْدِي وَسَيَكُونُ خُلَفَاءُ فَيَكْثُرُونَ قَالُوا : فَمَا
تَأْمُرُنَا قَالَ فُوا بِبَيْعَةِ الأَوَّلِ فَالأَوَّلِ أَعْطُوهُمْ حَقَّهُمْ
فَإِنَّ اللَّهَ سَائِلُهُمْ عَمَّا اسْتَرْعَاهُمْ.
“बनी इस्राईल पर अम्बिया हुकूमत करते थे, जब किसी पैग़म्बर का
इंतेक़ाल हो जाता था तो उसकी जगह दूसरा पैग़म्बर ले लेता था, और मेरे बाद कोई नबी
नहीं होगा बल्कि खुलफा (कई खलीफा) होंगे और वोह (तादाद मे) कई होंगे.” सहाबा ने पूछा की “हमारे बारे मे क्या हुक्म है?” इस पर हुज़ूर (صلى الله عليه وسلم) ने जवाब दिया, “तुम एक के बाद दूसरे से अक़्दे बैअत पूरी करो, और उन्हे उनका
हक़ दो, और यक़ीनन अल्लाह उन से उनकी ज़िम्मेदारी के बारे मे पूछेगा” (बुखारी और मुस्लिम)
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